हर साल लाखों लोग उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम की यात्रा करते हैं। यह एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है जो भगवान शिव को समर्पित है। लेकिन यात्रा पर जाने से पहले सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में आता है – “Kedarnath ki chadhai kitni hai?” तो आइये जानते है सब कुछ डिटेल में।
इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे केदारनाथ की चढ़ाई की लंबाई, कठिनाई, रास्ते, ट्रैकिंग का समय, तैयारी और जरूरी जानकारी ताकि आप अपनी यात्रा की बेहतर प्लानिंग कर सकें।
Kedarnath ki Chadhai Kitne Kilometre Hai (केदारनाथ की चढ़ाई कितनी है?)
गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक की कुल चढ़ाई लगभग 16 किलोमीटर की है।

यह चढ़ाई सीधी नहीं है, बल्कि पहाड़ी रास्तों और ऊँचाई के उतार-चढ़ाव से होकर जाती है। इस ट्रैक में आपको कई पड़ाव मिलते हैं जहाँ आराम करने, खाने और पानी पीने की सुविधा मिलती है। केदारनाथ की चढ़ाई का रास्ता बेहद रोमांचक और आध्यात्मिक अनुभव से भरा होता है। गौरीकुंड से शुरू होकर 16 किलोमीटर की यह यात्रा जंगल, झरनों और बर्फीली पहाड़ियों से होकर गुजरती है।
केदारनाथ की चढ़ाई का रास्ता शुरुआत में आसान लगता है, लेकिन जैसे-जैसे ऊँचाई बढ़ती है, सांस फूलने लगती है। बीच-बीच में छोटे-छोटे विश्राम स्थल मिलते हैं जहाँ चाय, खाना और पानी की सुविधा होती है। लिनचोली और भीमबली जैसे पड़ाव पर रुकना राहत देता है। हर कदम के साथ “जय बाबा केदार” की गूंज मन में शक्ति भर देती है। मंदिर के दर्शन करते ही सारी थकान दूर हो जाती है।
Kedarnath Trek Route – कौन-कौन से पड़ाव आते हैं?
गौरीकुंड से शुरू होकर यह ट्रैक कुछ प्रमुख स्टेशनों से गुजरता है:
पड़ाव का नाम | दूरी (किमी) | सुविधाएं |
---|---|---|
गौरीकुंड | 0 | पार्किंग, होटल, घोड़े, दुकानें |
जंगल चट्टी | 4 | चाय-पानी, विश्राम स्थल |
भीमबली | 6 | मेडिकल सुविधा, टॉयलेट |
लिनचोली | 9 | टेंट, विश्राम, मेडिकल |
चानी कैम्प | 11 | रुकने की जगह, खाने की दुकानें |
केदारनाथ मंदिर | 16 | अंतिम गंतव्य |
Kedarnath ki Chadhai Kitni Mushkil Hai?
केदारनाथ की चढ़ाई आसान नहीं है, लेकिन बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों ने भी इस यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया है। ट्रैक में कुछ हिस्से बेहद खड़ी चढ़ाई वाले हैं, खासकर लिनचोली के बाद का भाग।
कठिनाई स्तर: मध्यम से कठिन
समय: पैदल चलने में 6 से 10 घंटे लग सकते हैं, व्यक्ति की उम्र और स्टैमिना के अनुसार।
Kedarnath Yatra ke Liye Tyari Kaise Karein?
- शारीरिक तैयारी: यात्रा से 15-20 दिन पहले से रोज़ाना 3-4 किमी पैदल चलें।
- गर्म कपड़े: तापमान काफी ठंडा हो सकता है। जैकेट, टोपी, दस्ताने ज़रूर रखें।
- फर्स्ट एड किट: बैंड-ऐड, पेनकिलर, ORS पाउडर रखें।
- ट्रैकिंग शूज़: मजबूत और आरामदायक जूते पहनें।
- ID Proof: आधार कार्ड अनिवार्य है।
Kedarnath ki Chadhai ke Liye Suvidhaen
- घोड़े-खच्चर: जो लोग चढ़ाई नहीं कर सकते, वे घोड़े या पालकी का सहारा ले सकते हैं।
- हेली सेवा: फाटा, सीतापुर और गुप्तकाशी से हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध है।
- पिट्ठू: सामान ढोने के लिए पिट्ठू सेवा उपलब्ध है।
Kedarnath Jane ka Sahi Samay (केदारनाथ यात्रा का सही समय)

Kedarnath जाने का सही समय गर्मियों में होता है, जब मौसम साफ और रास्ते खुले रहते हैं।
1. मई से जून (शुरुआत का मौसम):
यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। मौसम ठंडा लेकिन साफ होता है। मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया या मई की शुरुआत में खुलते हैं। भीड़ थोड़ी कम होती है और यात्रा आसान रहती है।
2. जुलाई से अगस्त (मानसून):
इस समय यात्रा की सिफारिश नहीं की जाती क्योंकि भारी बारिश, भूस्खलन और रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं। सुरक्षा कारणों से बहुत से यात्री इस समय यात्रा टालते हैं।
3. सितंबर से अक्टूबर (अंतिम समय):
मौसम फिर से साफ हो जाता है, हरियाली और बर्फ के दृश्य देखने को मिलते हैं। यह समय भी यात्रा के लिए बहुत अच्छा होता है, भीड़ भी कम हो जाती है।
- यात्रा सीजन: अप्रैल के आखिरी सप्ताह से नवंबर के पहले सप्ताह तक।
- सबसे अच्छा समय: मई-जून और सितंबर-अक्टूबर
📌 नोट: केदारनाथ मंदिर नवंबर से अप्रैल तक बंद रहता है, क्योंकि यहां भारी बर्फबारी होती है। बारिश के समय भूस्खलन और फिसलन की समस्या हो सकती है, इसलिए जुलाई-अगस्त में यात्रा करने से बचें।
Kedarnath Ki Chadhai ke Dauran Dhyan Dene Wali Baatein
- तेज़ बारिश या बर्फबारी में चढ़ाई न करें।
- हृदय रोग, अस्थमा या सांस की बीमारी वाले पहले डॉक्टर की सलाह लें।
- हर थोड़ी दूरी पर रुककर पानी पीते रहें।
- ऊँचाई के कारण ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, इसलिए लंचोली से पहले आराम ज़रूरी है।
Kedarnath ki chadhai ke liye Best Tips
- सुबह 4-5 बजे ट्रैकिंग शुरू करें ताकि आप समय पर मंदिर पहुँच सकें।
- अकेले न जाएँ, ग्रुप में यात्रा करें।
- कैश साथ रखें, कई जगह नेटवर्क की दिक्कत होती है।
- टॉर्च, पावर बैंक, ऊनी मोजे और दस्ताने ज़रूर पैक करें।
Kya Kedarnath Yatra ke liye Registration जरूरी है ?
उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। आप यह ऑनलाइन या यात्रा स्थल पर जाकर कर सकते हैं।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लिंक: https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/
Kedarnath Yatra 2025 Puri Jankari
- 2025 में यात्रा अप्रैल 29 से शुरू हुई है।
- रास्ते में कई जगह CCTV, DRONE निगरानी और मेडिकल कैंप लगाए गए हैं।
- सरकार द्वारा रोजाना ट्रैफिक और मौसम की जानकारी ऑफिशियल वेबसाइट पर दी जा रही है।
यह भी देखे: चार धाम यात्रा 2025
निष्कर्ष – Kedarnath ki chadhai kitni hai
तो अब आप जान चुके हैं कि Kedarnath ki chadhai kitni hai, और कैसे आप इस यात्रा को आसान और सुरक्षित बना सकते हैं। अगर आप पूरी तैयारी के साथ जाएँगे, तो यह यात्रा आपके जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में से एक होगी। भगवान केदारनाथ के दर्शन केवल एक तीर्थ नहीं, एक अनुभव हैं।
FAQ’s
Q-1. केदारनाथ में किस महीने में भीड़ कम होती है?
Ans- अक्टूबर से नवंबर के दौरान भीड़ कम होती है।
Q-2. केदारनाथ की चढ़ाई में कितने घंटे लगते हैं?
Ans- पैदल: 6 से 7 घंटे
खच्चर / घोड़े से: 4 से 6 घंटे
पिट्ठू / डोली से: 6 से 8 घंटे
हेलीकॉप्टर से: केवल 10–15 मिनट
Q-3. केदारनाथ घोड़े का किराया कितना है?
Ans – 1000 से लेकर 3000 तक।
Q-4. केदारनाथ घूमने में कितना खर्चा आएगा?
Ans- 10000 से 15000, यदि आप आप दोस्त या फॅमिली के साथ ग्रुप टूर करते है और बजट मेन्टेन करके चलते है तो 6000 से 7000 पर पर्सन लगेगा।
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